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Saturday, December 15, 2012

वन-टू का फ़ोर, फ़ोर-टू का वन

मित्रों ! जैसे-जैसे समय बीत रहा है हम सभी ब्लागरों को ज्ञान प्राप्त हो रहा है कि कई-कई ब्लागों से अच्छा है एक ही ब्लाग होना। मैंने भी अब केवल दो ब्लाग रखने का फैसला किया है- एक अपनी रचनाओं के लिए और एक भारत के दूसरे विभिन्न रचनाकारों के लिए। अपने अन्य रचनाकारों के लिये मौजूद दो ब्लागों "समकालीन ग़ज़ल" और "बनारस के कवि और शायर" को मिलाकर एक ब्लाग मे समाहित कर मैंने ये ब्लाग "गीत,ग़ज़ल,कविता की दुनिया"  बनाया है। सबसे पहले दोनो ब्लागों के पुराने पोस्ट मैंने इस पर पोस्ट किया है। आशा है आप को भी सुविधा होगी......